ESSAY FOR SSC CGL , SSC CHSL डिजिटल इंडिया - निबंध Digital India - ESSAY



प्रस्तावना
               
सूचना के मार्ग पर भारत की नई रफ्तार संचार क्रान्ति के आकाश में भारत की नई उड़ान – ये बानगी है भारत के डिजिटल इंडिया के सपने की जो देश के सपने को नई रफ्तार देगा। कितना अच्छा हो कि यदि कम्प्यूटर के कीबोर्ड के एण्टर बटन को दबाने भर से हमारे समक्ष सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी क्षण भर में उपलब्ध हो जाए। यदि एक डाक्टर एक बड़े अस्पताल में बैठे-बैठे ही किसी दूरस्थ गांव के रोगियों की चिकित्सा के उपाय बता दे  या फिर बड़े बड़े विश्वविद्यालय के अध्यापकों के द्वारा क्लासरूम में पढाये जाने वाले लेक्चर दूर-दराज गांवों तक आसानी से सुलभ हो पाए या किसानों को हर तरह से मानसून की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके तो कितना अच्छा हो।

डिजिटल इंडिया का उद्देश्य, डिजिटल हो पूरा देश


प्रधान भाग

अब ऐसा सपना देखना सिर्फ सपना नहीं रह गया है। डिजिटल इण्डिया के माध्यम से ये समस्त अपेक्षाएं पूरी हो सकती हैं। इसमें संदेह नहीं है कि स्वतंत्रता के पश्चात भारत ने विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी के क्षेत्र को निरन्तर विकसित करने में विविध पहल की है। इसी विकासक्रम में डिजिटल इण्डिया तकनीकी क्षेत्र से एक स्थान बिन्दू के रूप में उभरा है। यह विचारणीय है कि आखिर डिजिटल इण्डिया है क्या- क्या यह उपकरण है या फिर एक विचारधारा? वस्तुतः यह एक अभियान है जिसका लक्ष्य भारत में शासन के स्वरूप को इलेक्ट्रानिक स्तर पर रूपान्तरित करना है तथा भारतीय समाज को डिजिटल शक्ति से सशक्तीकरण की ओर अग्रसर करना है। अभिप्राय यह है कि डिजिटल इण्डिया अभियान शासकीय कार्यों, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में इलेक्ट्रानिक स्तर पर सेवाएं देने को महत्व देता है।

कागज़ी काम होगा कम, डिजिटल होगा देश का जनजन

   केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री की उपस्थिति में डिजिटल इण्डिया अभियान को लॉन्च कर उनके उपरोक्त लक्ष्य को विश्वसनीय बना दिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था और हमारे समाज को ज्ञान आधारित समाज में रुपान्तरित करने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए डिजिटल इण्डिया का क्रियान्वयन मील का पत्थर सिद्ध होगा। डिजिटल इण्डिया अभियान ब्राडबैण्ड, हाइवे, सर्वत्र उपलब्ध मोबाइल कनेक्टिविटी, इण्टनेट के सार्वजनिक प्रयोग की सहज सुविधा, ई-प्रशासन, ई-क्रान्ति इसका अर्थ सेवाओं की इलेक्ट्रानिक डिलेवरी से है, सबके लिए सूचना, इलेक्ट्रानिक विनिर्माण, रोजगार के लिए सूचना आदि को सम्मिलित करता है। इसके तहत देश के सभी स्कूलों को ब्राडबैण्ड से सुनिश्चित करना, कृषि, स्वास्थ्य, परामर्श आदि से जुड़ी सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। वस्तुतः हम कह सकते हैं कि वर्तमान में डिजिटल इण्डिया को भारत की राजनैतिक-सामाजिक व्यवस्था और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ देश की जनता को ज्ञान आधारित भविष्य की ओर ले जाने के महत्वाकांक्षी प्रयास के रूप में देखा जा सकता है
    साथ ही साथ डिजिटल इण्डिया की अवधारणा तकनीकी दुनिया के ताजा रुझानों के अनुरूप है जहाँ दुनिया भर की आबादी को इण्टरनेट से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। यदि भारत डिजिटल इण्डिया के माध्यम से वंचित लोगों को इण्टरनेट के माध्यम से कनेक्ट करने में सफल रहता है तो दुनिया को अपना ध्यान भारत की ओर आकर्षित करना ही होगा। इससे भारत की आर्थिक समृद्धि को गगन चूमने से, साथ ही महाशक्ति कहलाने से शायद ही कोई नकार सकेगा।

डिजिटल इंडिया का विस्तार, रोजगार अवसर लाएगा अपार

    परन्तु यदि हम सिक्के के दूसरे पहलू की बात करे तो डिजिटल इण्डिया के माध्यम से यह मुकाम पाने से पहले भारत में इसे हासिल करने की अपनी सीमाएं और चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं जिन्हें खत्म किए बगैर डिजिटल इण्डिया के सपने को पूर्णतया साकार करना कठिन है। इन सीमाओं में सर्वप्रथम या कहे सबसे बड़ी चुनौती बिजली की पहुँच का न होना है। बिना बिजली के आम आदमी इन सेवाओं का उपभोग कैसे करेगा? वहीं बिना अनुकूल वातावरण, परिस्थितियों, मानसिकता और ढांचे के इसकी कामयाबी संदिग्ध बनी रहेगी। डिजिटल इण्डिया की कामयाबी के लिए मजबूत डिजिटल तन्त्र की स्थापना से पहले मजबूत , पर्याप्त एवं भरोसेमंद बिजली एवं स्पेक्ट्रम के साथ-साथ सरकारी प्रतिक्रियाओं का सरलीकरण औऱ विकास में हाथ बटाने वालों को वास्तविक प्रोत्साहन देने की जरूरत है।

निष्कर्ष

    डिजिटल इण्डिया एक ऐसे कदम के रूप में हम सब के समक्ष आया है कि यह भारत में कई वर्षो से मौजूद डिजिटल डिवाइड को पाटने में एक सेतु की भूमिका निभाएगा। यह न केवल तकनीकी विकास का सेतु होगा वरन् भारत को सूचना प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में एक महाशक्ति के रूप में विश्व के सामने साबित करेगा।


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